Wednesday 16 March 2016

बस यूँ ही

बस यूँ ही 

ग़लिबन यूँ हुआ होगा, 
वो कुछ ख़फ़ा हुआ होगा,
फिर रूठ कर बेवजह,
चला गया होगा,
कुछ दूर जा ठिठका होगा,
अपने हर ज़हन से लड़ा होगा, 
फिर मुड़ा होगा, 
अब उसे गिला होगा, 
लेकिन, 
लौट किस सबब आए,
बस यही सोचता होगा ।।
-विनी
१५/१२/१५

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