Sunday, 21 February 2016

valentine day

अक्सर होता है ऐसा 
लफ़्ज़ रूठ जाते है सभी 
अक्सर तभी 
जब दिल लबरेज़ हो 
अहससातों से 
ज़बान साथ नहीं देती तभी
मेरी ख़ामोशी के ये फूल
क़बूल कर लो तुम
ये कहते है वो सब
जो मेरा दिल कहना चाहता है
लेकिन दिमाग़ मानता नहीं
आज फिर ख़ामोश हूँ मैं ...
-विनी
१४/२/१६
(वैलेंटायन डे था और फूल दे रहे थे सभी...)

No comments:

Post a Comment