लोग कहते हैं
लोग कहते हैं,
चाँद में एक बूढी औरत रहती है,
और समुन्दर की गर्त में,
जलपरियों का महल है,
सूरज सात सफ़ेद घोड़ों के रथ पे सवार ,
रोज़ आसमानों के चक्कर लगता है,
और रात होने पर,
परियां बर्फ के सफ़ेद मैदानों में खेला करती हैं,
लोग क्या क्या कहते हैं,
कहते हैं,तलवार से कलम बलवान है,
और ये के अंत में,
सच की ही जीत होती है,
ये के समय का चाक घूमता रहता है, अविरत,
और देर से ही सही,
ईश्वर के दरबार में न्याय होता है,
लोग क्या क्या कहते हैं...
~ विन्नी
२८/८/१६
लोग कहते हैं,
चाँद में एक बूढी औरत रहती है,
और समुन्दर की गर्त में,
जलपरियों का महल है,
सूरज सात सफ़ेद घोड़ों के रथ पे सवार ,
रोज़ आसमानों के चक्कर लगता है,
और रात होने पर,
परियां बर्फ के सफ़ेद मैदानों में खेला करती हैं,
लोग क्या क्या कहते हैं,
कहते हैं,तलवार से कलम बलवान है,
और ये के अंत में,
सच की ही जीत होती है,
ये के समय का चाक घूमता रहता है, अविरत,
और देर से ही सही,
ईश्वर के दरबार में न्याय होता है,
लोग क्या क्या कहते हैं...
~ विन्नी
२८/८/१६