Sunday, 3 March 2019

unfinished







Unfinished
 I thought I’d entrust our tale to the stars,
She said,
The  words inked
Into the dark of the firmament
 Catharsis, will help heal
Memories of times long past,
The telling will exorcise
The light and the dark and the shadows in between,
Wait, he said,
The last words are not yet writ,
As it is,
The sun and the moon disagree,
About what lies beyond, yet unseen


~vinny
8/12/18


मौसम ए सरमा

मौसम ए  सरमा

शदीद इंतज़ार था जिसका
इस बरस, वो बहार
गर आये ही नहीं तो क्या हो ?
यूं गुल कुछ पशेमान हैं इस बरस
हवाएं सर्द  हैं और मौसम परेशां
कुछ गफलत सी है
कुछ है छिपा हुआ उस जानिब
कुछ है जो आशकार नहीं
दिल कहता है
ये ख़ैर की अलामत नहीं 
और वो बहार जिस की जुस्तजू
टिमटिमाती हुई एक लौ की मानिंद
मेरी हमराह रही है इस मौसम ए सरमा
अब बुझ जाना चाहती है
यक़ीनन उस उम्मीद की मानिंद
जिस की हकीकत नसीब न हो
मुमकिन है इस बरस
बहार आये ही नहीं। ..
~ विन्नी
३/३/१९