मौसम
कुछ यूं हुआ होगा
मध्यम हुआ होगा सूरज
और जल उठी होगा शम्मा
हारी होगी लड़ाई उसने
और धीरे धीरे बुझ गयी होगी रौशनी
मौसम यक ब यक नहीं बदला करते
खिड़कियां खुली ही होंगी पहले पहले
फिर एक अंधड़ उठा होगा
बंद की गयी होंगी खिड़कियाँ
मौसम यूं ही बदला होगा
दिन तो खुश ही रहा होगा
रंगीन, रोशन , हरा भरा
फिर शाम की सियाही ने मिटाये होंगे कुछ रंग
तनहा रात हारी होगी उदासी से
मौसम यक ब यक नहीं बदला करते
सर्द हवाओं ने दिशा बदली होगी
सब्ज़ बाग़ कुछ सहमे होंगे
पीले पड़े पत्तों में सरसराहट सी होगी
परिंदों ने भी चुप रहना सीखा होगा
मौसम यूं ही बदला होगा
हँसती आँखों में समाया होगा
बदरंग सा तिनका कोई
सैलाब सा आया होगा
रुक गया होगा होंठों पर
मन का मौसम यूं ही बदला होगा
~ विन्नी
४/१२/१८
कुछ यूं हुआ होगा
मध्यम हुआ होगा सूरज
और जल उठी होगा शम्मा
हारी होगी लड़ाई उसने
और धीरे धीरे बुझ गयी होगी रौशनी
मौसम यक ब यक नहीं बदला करते
खिड़कियां खुली ही होंगी पहले पहले
फिर एक अंधड़ उठा होगा
बंद की गयी होंगी खिड़कियाँ
मौसम यूं ही बदला होगा
दिन तो खुश ही रहा होगा
रंगीन, रोशन , हरा भरा
फिर शाम की सियाही ने मिटाये होंगे कुछ रंग
तनहा रात हारी होगी उदासी से
मौसम यक ब यक नहीं बदला करते
सर्द हवाओं ने दिशा बदली होगी
सब्ज़ बाग़ कुछ सहमे होंगे
पीले पड़े पत्तों में सरसराहट सी होगी
परिंदों ने भी चुप रहना सीखा होगा
मौसम यूं ही बदला होगा
हँसती आँखों में समाया होगा
बदरंग सा तिनका कोई
सैलाब सा आया होगा
रुक गया होगा होंठों पर
मन का मौसम यूं ही बदला होगा
~ विन्नी
४/१२/१८