Saturday, 10 March 2018

सेमुल



सेमुल
semal tree

भीतर लगी अगन
बाहर फूट पड़ी हो जैसे
शाख़  पर सुर्ख  फूल ही फूल
कोई सब्ज़ पत्ता बाक़ी  नहीं
हसीं दिलनशीं दिलकश,
फरेब है लेकिन
नज़र भर का
खोखला है फूल का अन्तःकरण
कुछ सेहरा में मोह्बत की आस की मानिंद 
कोई सुकून नहीं
बस फरेब है
नज़र भर का
~ विन्नी
१०/३/२०१८.