फार फार अवे
कितनी दूरी की बात करते हैं लोग ,
जब कहते हैं ' फार फार अवे'?
मेरे शहर से मास्को तक की दूरी?
या फिर उतने मील जितने पसरे हैं,
मेरे और उम्मीद के दरमियाँ ?
किस वक़्त की बात होती है,
जब कहते हैं लोग, ' लॉन्ग लॉन्ग एगो '?
इस गुज़र रहे पल से उस बीत चुके पल के बीच,
गूंजते सन्नाटे सा वक़्फ़ा ?
या फिर वोह लम्हा जो गुज़र तो गया,
लेकिन बीता नहीं,
सांस लेता है अभी ,
जीने की आस जलाये सीने में कहीं
क्या मायने हैं जब हसरतें कहती हैं ,
" इन अनदर टाइम इन अनदर स्पेस "
इक आह भरा 'काश ' लिपटा है उस फ्रेज में
काश की यूं न होता ,
या फिर काश की यूं होता ,
कि वक़्त बदल जाता , कि मुक़द्दर पलट जाते
तुम को ना जाना होता, मास्को ,
या फिर ,मैं भी साथ होती …
विन्नी
२३/७/१४
Far far away...
Kitnee doori ki baat karte hain log
Jab kehte hain 'far far away' ?
Mere shehar se Moscow tak ki doori
Ya phir utne meel jitne,
pasre hain Mere aur umeed ke darmiyan?
Kis waqt ki baat hoti hai,
jab kehte hain log 'long long ago'?
Is guzar rahe pal se us beet chuke pal ke beech,
gunjhte sannate sa waqfa?
Ya phir woh lamha jo guzar to Gaya ,
Lekin beeta nahin
Saans leta hai Abhi ,
jeene ki aas jalaye seene main kahin...
Kya mainye hain jab hasraten kehti hain
' in another time in another space' ?
Ek aah bhara 'kassh' lipta hai us phrase main,
Kassh ki yoon na hota ,
ya phir kassh ki yoon hota ...
Ki waqt badal jata , ki muqaadar palat jaate
Tum ko na jaana hota, Moscow
Ya phir main Bhi sath hoti..
Vinny
23/7/14